भारत के सबसे मुख्य त्यौहारों में से एक है। होली रंगों का त्यौहार है जो फाल्गुन के महीने में मनाया जाता है, रंगों के इस त्यौहार पर सभी लोग एक दूसरे को रंग लगाकर प्रेम भावना को बढ़ाते हैं। होली सारे दुःख और गम भूलकर आपसी मेल मिलाप को बढ़ावा देने वाला त्यौहार है। होली के दिन सभी लोग ईर्ष्या और दुश्मनी की भावना को भूलकर सौहार्द से एक दूसरे को गले लगाते हैं।
होली का त्यौहार सबसे ज्यादा खुशियां लेके आता है. क्योंकि इस दिन हम सबसे ज्यादा हँसते झूमते और नाचते गाते हैं। लोगों के रंग से लिपे पुते चेहरे हर किसी को हंसने पर मजबूर कर देते हैं। होली का त्यौहार अब इतना प्रसिद्ध हो चुका है कि केवल भारत में ही नहीं बल्कि अब ये हर देशों और विदेशों में भी मनाया जाता है.
होली का त्यौहार दो पक्षों में मनाया जाता है। पहले पक्ष में होलिका दहन होता है। होलिका दहन को मनाने के पीछे कई पौराणिक कथायें प्रचलित हैं। होलिका दहन में घरों के बाहर चौराहों पर लकड़ी, घासफूस और गोबर के उपलों को जलाते हैं। घर की महिलायें रीति गीत गाती हैं और सभी लोग एक दूसरे से गले मिलकर प्रेम प्रकट करते हैं।
दूसरे पक्ष में रंगों से होली खेली जाती है। रंग बिरंगे गुलाल, पिचकारियां और छोटे छोटे रंग भरे गुब्बारे होली की सुंदरता को बढ़ाते हैं। सभी लोग अपने सगे सम्बन्धियों के घर घर जाकर गुलाल लगाते हैं और एक दूसरे से गले मिलते हैं। नन्हें मुन्ने बच्चों के लिए ये त्यौहार बहुत ही खास होता है क्योंकि इस दिन मस्ती करने और खेलने की पूरी छूट होती है। बच्चे एक दूसरे के चेहरे पर रंग लगाते हैं। पिचकारियों में रंग भरकर एक दूसरे पर चलाते हैं। आज कल बाजारों में एक से एक अच्छे डिजाइन की पिचकारियां मिलती हैं जो बच्चों को बहुत ही आकर्षित करती हैं।
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